अभ्यार्थियों का कहना है कि पर्याप्त भर्ती होने के बावजूद SSC ने कम लोगों को पास किया है. इसीलिए आयोग से मांग कर रहे हैं कि वो फिर से रिज़ल्ट निकाले.
स्टाफ़ सेलेक्शन कमीशन (SSC) ने 19 सितंबर को SSC-CGL tier-1 परीक्षा के नतीजे जारी किए. इस बार के नतीजे कैंडिडेट्स को नागवार हैं. उन्होंने इसे लेकर सोशल मीडिया पर विरोध शुरू कर दिया है. क्यों? क्योंकि परीक्षा में शामिल हुए कैंडिडेट्स का कहना है कि इस बार बहुत कम प्रतिशत छात्रों को पास किया गया है. बीते सालों की तुलना में लगभग आधे.
अभ्यार्थियों का कहना है कि पर्याप्त भर्ती होने के बावजूद SSC ने कम लोगों को पास किया है और इसीलिए आयोग से मांग कर रहे हैं कि वो फिर से रिज़ल्ट निकाले. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर इसी मांग से जुड़ा हैशटैग भी चल रहा है: #ssc_cgl_2023_revised_result.
वेकेंसी बनाम पास छात्र
देश भर में 14 से 27 जुलाई के बीच CGL टियर-I परीक्षा आयोजित की गई थी. सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी, सहायक लेखा अधिकारी, सांख्यिकीय अन्वेषक और अन्य के पदों के लिए. 19 सितंबर को जारी किए गए नतीजों के मुताबिक़, कुल 71,112 उम्मीदवार टियर- II परीक्षा के लिए चुने गए हैं. टियर-II की परीक्षा 25, 26 और 27 अक्टूबर को होनी है.
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विरोध कर रहे छात्रों ने पिछले कुछ सालों के नतीजों के साथ इस संख्या की तुलना की. इस तुलना के मुताबिक़, इतनी भर्ती पर औमतौर से एक लाख से ज़्यादा अभ्यार्थियों का सेलेक्शन होता था.
छात्रों ने वेकेंसी और पहली परीक्षा में चुने गए अभ्यर्थियों के अनुपात को लेकर भी एक दिलचस्प आंकड़ा दिया है. 2017 से अब तक की वेकेंसी बनाम टियर-I परीक्षा में पास हुए छात्रों का आंकड़ा. मसलन, अगर 100 वेकेंसी होती थीं तो 1500 छात्रों को मेन परीक्षा के लिए चुना जाता था. माने 15 गुना. इस बार ये संख्या मात्र साढ़े आठ गुना है.
अलग-अलग एजुकेशन पोर्टल्स के मुताबिक़, हर साल क़रीब 30 लाख उम्मीदवार SSC-CGL भरते हैं और लगभग 15 लाख उम्मीदवार परीक्षा में बैठते हैं. इस बार की संख्या हाल के सालों में सबसे कम है. सीधे तौर पर तैयारी कर रहे इन छात्रों पर असर पड़ेगा.
इस मसले पर आयोग की तरफ़ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. जब भी आएगी, दी लल्लनटॉप आप तक पहुंचा देगा.