UPSC के पेपर पर अभ्यर्थियों ने लगाए गंभीर आरोप.
28 मई के दिन UPSC सिविल सेवा 2023 का प्री पेपर आयोजित किया गया था. पेपर के बाद से परीक्षा के पेपर 2, यानी CSAT में पूछे गए कुछ सवालों पर विवाद मचा है. सोशल मीडिया पर भी इस पर खूब बात हो रही है. अभ्यर्थी अब इस मामले को लेकर सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) पहुंच गए हैं. याचिका दायर की है. अभ्यर्थियों का आरोप है कि CSAT पेपर में कुछ सवाल CAT व IIT JEE के स्तर के पूछे गए थे. UPSC सिविल सेवा परीक्षा से जुड़ा ये मामला क्या है? अभ्यर्थियों की क्या-क्या मांगें हैं? आइए जानते हैं.
सिलेबस के मुताबिक नहीं था पेपर!
UPSC के प्री स्टेज एग्जाम में दो पेपर कराए जाते हैं. पहला, जनरल स्टडीज़. दूसरा, CSAT. ये पेपर क्वॉलीफाइंग होता है. यानी इसमें सिर्फ 33 प्रतिशत नंबर लाने होते हैं. सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) पहुंचे अभ्यर्थियों ने प्री स्टेज के दूसरे पेपर, यानी CSAT पेपर को लेकर याचिका दायर की है.
अभ्यर्थियों का दावा है कि UPSC के दिए गए सिलेबस के मुताबिक CSAT पेपर अभ्यर्थियों के जनरल एप्टीट्यूड को टेस्ट करता है. इसमें अभ्यर्थियों की बेसिक इंटेलिजेंस टेस्ट की जाती है. सिलेबस के मुताबिक इस पेपर में कक्षा 10वीं के स्तर के सवाल पूछे जाते हैं. मगर इस बार कथित तौर पर कुछ ऐसे सवाल थे, जो उनके लिए मुश्किल थे जो 11वीं और 12वीं कक्षा में मैथ्स नहीं पढ़े हैं.
याचिका के हवाले से अभ्यर्थियों ने कहा कि UPSC का CSAT पेपर ना सिर्फ सिलेबस के बाहर था, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों के लिए भेदभावपूर्ण था. अभ्यर्थियों ने दावा किया कि ऐसा पेपर उन अभ्यर्थियों के लिए सही नहीं है जो ग्रामीण इलाके से आते हैं या आर्ट्स स्ट्रीम से पढ़े हुए हैं. याचिका में अभ्यर्थियों ने बताया कि इस साल CSAT पेपर में लगभग 10 प्रश्न ऐसे पूछे गए थे जोकि 11वीं कक्षा की मैथ्स के सिलेबस से थे. बात यहीं नहीं रुकती. अभ्यर्थियों का ये भी दावा है कि कुछ सवाल IIT JEE व CAT परीक्षा के पिछले सालों के पेपर से पूछे गए थे.
याचिका में अभ्यर्थियों ने ये भी कहा कि दूसरी परीक्षाओं से सवाल उठाना गलत नहीं है. लेकिन ऐसा भर्ती के सभी उद्देश्यों को ध्यान में रखके किया जाना चाहिए. ये भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि परीक्षा से किस तरह के उम्मीदवारों का सेलेक्शन किया जाना है.
अभ्यर्थियों की क्या मांग है?
– पेपर की कट-ऑफ को कम किया जाए. CSAT पेपर की कट-ऑफ 33 प्रतिशत से 23 प्रतिशत की जाए.
– CSAT पेपर 2 फिर से आयोजित करवाया जाए.
CSAT पेपर पर उठते सवालों के बीच सोशल मीडिया पर UPSC के कई एजुकेटर्स और अभ्यर्थियों ने भी ट्वीट किए हैं. इनसाइट्स IAS के फाउंडर विनय कुमार जीबी ने ट्वीट कर पूछा कि क्या UPSC CSAT पेपर की कट-ऑफ 33 प्रतिशत से 23 प्रतिशत की जानी चाहिए? आपका क्या सोचना है?
ट्विटर प्रोफाइल के मुताबिक अनएकेडमी के डायरेक्टर अनुज गर्ग ने एक फोटो शेयर कर बताया कि UPSC CSAT परीक्षा में IIT के लेवल के सवाल पूछे गए थे. वहीं मुदित गुप्ता नाम के एजुकेटर ने लिखा कि UPSC को अभ्यर्थियों को एक बार की राहत देनी चाहिए. मुदित ने लिखा कि CSAT पेपर की कट-ऑफ 20-23 प्रतिशत की जानी चाहिए. ऐसे पेपर से सीरियस अभ्यर्थियों के करियर पर असर पड़ता है.
ट्रिब्यूनल इस मामले की सुनवाई 9 जून यानी आज करेगा. मामले पर जो भी अपडेट आता है, हम आपको बताएंगे. फिलहाल इस मामले पर आपका क्या सोचना हमें कमेंट करके जरूर बताएं.